जयपुर: उधोग मंत्री राजपाल सिंह शेखावत ने कहा है कि प्रदेश के औद्योगिक घरानों के साथ ही निर्यात, सर्विस, बैंकिंग, बीमा, टेलीकम्यूनिकेशन आदि क्षेत्र के प्रतिष्ठान कारपोरेट सामाजिक दायित्व के तहत मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान के दूसरे चरण में सक्रिय भागीदारी निभाने के लिए आगे आएं। उन्होंने स्वप्रेरणा से सामाजिक दायित्व गतिविधियोें के संचालन की शेखावटी की परंपरा की और ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि राज्य में विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रही संस्थाओं को सामाजिक दायित्व निभाने की स्वतः पहल करनी होगी।
शेखावत मंगलवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन योजना के कॉरपोरेट कॉ-आर्डिनेशन सेल के उपसमूह प्रथम की बैठक ले रहे थे। उन्होंने बताया कि दूसरे चरण में सीएसआर के तहत करीब 25 करोड़ उपलब्ध कराए जा चुके हैं। पहले चरण में सीएसआर में 35 करोड़ रुपए के कार्य करवाए गए।
शेखावत ने कहा कि मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान की महत्ता और इससे जुड़े व्यापक हितों को देखते हुए कारपोरेट घरानों को सीएसआर के लिए उपलब्ध राशि में से अधिक से अधिक राशि जल संरक्षण, जल स्रोतों के, रखरखाव, पौधारोपण, उपलब्ध जल संसाधनों के बेहतर प्रबंधन आदि कार्यो पर उपलब्ध करानी चाहिए। उन्होंने कहा मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान का एक चरण पूरा हो चुका है और पहले चरण की कार्यों की पूरे देश में सराहना की गई है।
सीएसआर सचिव कुंजी लाल मीणा ने बताया कि इस समय प्रदेश में कारपोरेट सोशियल रेस्पांसब्लिटी के तहत 103 कंपनियों के सहयोग से 422 परियोजनाओं का संचालन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जिला स्तर पर मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन योजना में कराए जाने वाले कार्यों की कुल लागत की 5 प्रतिशत राशि सीएसआर एवं दानदाताओं से लेकर कार्य कराए जाने के लिए सभी जिला कलक्टरों को पत्र जारी किए जा चुके हैं।
आयुक्त जल संरक्षण अनुराग भारद्वाज ने मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन योजना की गतिविधियों व प्रगति की जानकारी दी।
बैठक में संयुक्त निदेशक उद्योग संजीव सक्सेना, उपनिदेशक सीएसआर पीआर शर्मा, जल संरक्षण विभाग के अधिक्षण अभियंता रमेश चंद्र निर्मल व सूचना प्रोद्यौगिकी विभाग की दीपशिखा सक्सैना उपस्थित थी।
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