पोलटिकल डेस्क: निर्वाचन आयोग ने हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों को लेकर कड़े निर्णय लिए है, इसके साथ ही किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ के मामले को निर्वाचन आयोग ने ख़ारिज कर दिया, आयोग ने निर्णय लिया है की भविष्य में होने वाले चुनावो में वोटर-वेरिफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) मशीनों का इस्तेमाल किया जाएगा,
दिनभर चली निर्वाचन आयोग की सर्वदलीय बैठक के अंत में मुख्य निर्वाचन आयुक्त नसीम जैदी ने राजनीतिक पार्टियों को ईवीएम को हैक करने की चुनौती भी दी।
इधर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने हैकथॉन की मांग की है और दवा किया है की उन्हें ईवीएम मुहैया कराई जाये, ताकि वो ईवीएम से छेड़छाड़ साबित कर सके आम आदमी पार्टी यह दिल्ली विधानसभा में पहले कर चुकी हैं । कांग्रेस ने ईवीएम की विश्वसनीयता के लिए और कदम उठाए जाने की मांग की, लेकिन माकपा ने मांग की कि सभी ईवीएम के साथ पेपर ट्रेल होना चाहिए। वहीं भाजपा ने कहा कि मशीन विश्वसनीय हैं।
निर्वाचन आयोग आने वाले समय में 16,15,000 वीवीपैट मशीनों की खरीद करती है तो मशीनों में 3,173.47 करोड़ की लागत आएगी।
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