एमजेएसए कार्यों में नहीं बरतें शिथिलता - नंदलाल मीणा



जयपुर: जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री एवं चित्तौड़गढ जिले के प्रभारी नंदलाल मीणा ने कहा है कि मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान राज्य सरकार का महत्वपूर्ण कार्यक्रम है तथा राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों में चले आ रहे जल संकट के निवारण की दिशा में कारगर साबित होगा। अधिकारी इसके क्रियान्वयन में किसी प्रकार की शिथिलता नहीं बरतें। प्रभारी मंत्री गुरुवार को चित्तौड़गढ जिला मुख्यालय स्थित सर्किट हाउस में मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए अधिकारियों को निर्देशित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य स्तर से इसकी समुचित मॉनीटरिंग की जा रही है। 

इसलिए यह सुनिश्चित करें कि एमजेएसए के दूसरे चरण के सभी कार्य बेहतर गुणवत्ता के साथ संपन्न हों ताकि यहां का भूजल स्तर सुधरे और लोगों को इसका अधिकतम लाभ मिले। मुख्य कार्यकारी अधिकारी नथमल डिडेल द्वारा एमजेएसए की प्रगति से अवगत कराए जाने पर मीणा ने अभियान के लाईन विभागों के अधिकारियों से प्रथम चरण की कार्यो एवं भुगतान की विभाग वार समीक्षा की तथा समीक्षा के दौरान प्रथम चरण में कराए गए पौधारोपण की समीक्षा कराते हुए उप वन संरक्षक से अभियान के तहत पौधारोपण की जानकारी ली और निर्देशित किया कि वर्तमान में जीवित पौधों की समुचित सार-सम्भाल की जाए तथा मानसून के दौरान होने वाले पौधारोपण कार्य में जनप्रतिनिधियों एवं जन समुदाय की भागीदारी सुनिश्चित की जाए। 

मुख्य कार्यकारी अधिकारी नथमल डिडेल ने प्रथम चरण में सम्पादित कराये गये कार्यो में से 10 प्रतिशत कार्यो का तृतीय पक्ष मूल्यांकन कराए जाने से अवगत कराया। बैठक में अभियान के द्वितीय चरण के सम्पादित कराये जा रहे कार्यों की विभाग वार समीक्षा की गई। मंत्री मीणा ने जन सहयोग के बारे में जानकारी चाही, जिस पर मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने अवगत कराया कि अभियान के द्वितीय चरण के तहत विभिन्न औद्योगिक संस्थानों/सी.एस.आर., स्वयं सेवी संस्थाओं सहित दानदाताओं ने 301.02 लाख रुपए के सहयोग की घोषणा की तथा अब तक 263.42 लाख रुपए का सहयोग प्राप्त हुआ है।

प्रभारी मंत्री ने विधायक मद से अभियान के कार्यों की अनुशंषा की जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने समस्त लाईन विभागों के अधिकारियों को निर्देशित किया कि यह अभियान मुख्यमंत्री का फ्लैगशिप कार्यक्रम है। अभियान मेेंं मुख्य रूप से जल संरक्षण का कार्य किया जा रहा है, जिससे क्षेत्र में भूजल स्तर बढ़ेगा तथा पेयजल की गम्भीर समस्या से मुक्ति मिलेगी। इसके समस्त कार्यो को तकनीकी मापदण्ड अनुसार गुणवत्तापूर्वक 31 मई से पूर्व पूर्ण करें तथा अप्रारम्भ कार्यो को शीघ्र प्रारम्भ कर निर्धारित समयावधि में पूर्ण कराएं। 

साथ  सम्पादित कराये जा रहे कार्यो का नियमित निरीक्षण एवं मॉनिटरिंग करते हुए भुगतान की समय-समय पर समीक्षा की जाए। इस दौरान एडीएम राकेश कुमार, डीएफओ एसपी सिंह, एसडीएम सुरेश कुमार खटीक, वाटरशेड के अधीक्षण अभियंता अतुल जैन सहित संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद थे। 

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