जयपुर: ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री की स्मार्ट विलेज की परिकल्पना को साकार करने के लिए गांव में आधारभूत ढांचे को मजबूत किया जाएगा, जिसके लिए प्रदेश के 3 हजार की आबादी वाले गांवों में सभी आधुनिक सुविधाएं प्राथमिकता से उपलब्ध कराने के लिए काम किया जाएगा। राठौड़ शुक्रवार को इंदिरा गांधी पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास संस्थान में मगरा, मेवा, डांग एवं बीएडीपी संचालित विकास योजनाओं की संबंधित क्षेत्र के विधायक के साथ समीक्षा कर रहे थे ।
उन्होंने कहा कि डांग विकास योजना में 82 ,मगरा क्षेत्र में 54, मेवात क्षेत्र में 81 एव बीएडीपी क्षेत्र में 48 गांव को स्मार्ट विलेज बनाने के लिए चयन किया गया है । प्रत्येक स्मार्ट विलेज पर इन योजनाओं से दस दस लाख रुपए खर्च किया जाएगा । राठौर ने कहा कि इन विकास योजनाओं में पेयजल ,स्कूल प्रबंधन, स्कूलों में कंप्यूटर लैब ,शुद्ध पेयजल हेतु स्कूलों में आरो सिस्टम ,श्मशान व कब्रिस्तान की चारदीवारी ,सड़क निर्माण ,सार्वजनिक शौचालय निर्माण तथा नई सड़कों का निर्माण आदि कार्य प्राथमिकता से कराए जाएंगे ।
उन्होंने कहा कि इन योजनाओं में उपलब्ध बजट का समय सदुपयोग हो इसके लिए संबंधित क्षेत्र के विधायकों से कराए जाने वाले विकास कायोर्ं की 1 सप्ताह में प्राथमिकता के आधार पर प्रस्ताव भेजने का आग्रह किया है । राठौड़ ने बताया कि स्मार्ट विलेज में स्वस्थ भारत मिशन के तहत दो दो लाख की लागत से सामुदायिक शौचालय निर्माण कराने, ई पुस्तकालय ,नॉलेज सेंटर ,वाईफाई सुविधा आदि विकसित की जाएगी।
बैठक में ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों द्वारा डाग ,मगरा ,मेवात व बीएडीपी योजना में उपलब्ध बजट प्रस्ताव की जानकारी देते हुए बताया कि आगामी 2 वित्त वर्ष के आधार को मानकर विकास कायोर्ं के प्रस्ताव आमंत्रित किए गए हैं जिन्हें संबंधित क्षेत्र के विधायक की प्राथमिकता के आधार पर कार्य की स्वीकृति जारी की जाएगी ।
बैठक में ग्रामीण विकास विभाग के शासन सचिव राजीव सिंह ठाकुर ,मुंडावर विधायक धर्मपाल चौधरी किशनगढ़ बास विधायक राम हेत यादव ,जैसलमेर विधायक छोटू सिंह भाटी ,तिजारा विधायक मामन सिंह यादव ,अलवर ग्रामीण विधायक जयराम जाटव करौली विधायक दर्शन सिंह गुर्जर एवं नगर विधायक अनीता गुर्जर व ग्रामीण विकास विभाग एवं पंचायती राज विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
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