जयपुर: शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी ने मंगलवार को निःशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत गैर सरकारी विद्यालयों में निःशुल्क सीट्स पर सत्र 2017-18 में प्रवेश हेतु वरीयता सूची निर्धारण हेतु ऑन लाईन लॉटरी निकाली। उन्हाेंने कहा कि इस लॉटरी का मूल उद्देश्य है, समाज के गरीब, असुविधाग्रस्त और दुर्बल वर्ग अधिक से अधिक लाभार्थी बनें।
उन्होंने बताया कि एन्ट्री कक्षा में 25 प्रतिशत सीट्स पर ‘‘दुर्बल वर्ग‘‘ व ‘‘असुविधाग्रस्त समूह‘‘ के बालकों को प्रवेश दिया जायेगा तथा उनकी निःशुल्क प्रारम्भिक शिक्षा पूर्ण करायी जाएगी। इन बालकों की फीस का पुनर्भरण सरकार द्वारा आरटीई अधिनियम व आरटीई राज्य नियमों के तहत किया जाता है।
देवनानी ने बताया कि निशुल्क सीट पर प्रवेश हेतु 24 हजार 425 गैर सरकारी विद्यालयों में कुल 5 लाख 73 हजार 338 आवेदन ऑनलाईन प्राप्त हुए। उन्हाेंने बताया कि पिछले वर्ष लॉटरी हेतु कुल एक लाख 59 हजार 63 आवेदन प्राप्त हुए थे। इस वर्ष 4 लाख 13 हजार 275 आवेदन इस दृष्टि से अधिक किए गए हैं।
उन्हाेंने कहा कि राज्य में शैक्षिक सुधार के लिए उठाए गए कदमों का ही परिणाम है कि आज प्रदेश के राजकीय विद्यालय गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के अंतर्गत देशभर में मिसाल बन रहे हैं। उन्होंने इस मौके पर कहा कि निजी विद्यालयों को इस बात के लिए पाबंद किया गया है कि वे निर्धारित पाठ्यसामग्री के अतिरिक्त अन्य पुस्तकों, यूनिफॉर्म तथा जूते आदि क्रय करने के लिए अभिभावकों पर दबाव नहीं डालें। इस संबंध में किसी प्रकार की शिकायत मिलने पर संबंधित विद्यालय की मान्यता रद्द करने की कार्यवाही की जा सकती है। उन्होंने शिक्षा अधिकारियों को आरटीई के तहत ऑनलाईन लॉटरी की वरीयता सूची के अनुसार विद्यालयों में निर्धारित प्रवेश टाईम फ्रेम वर्क के अनुसार प्रवेश की प्रक्रिया शीघ्र पूरी करने की कार्यवाही करने की भी हिदायत दी।
अभिभावक अपने आवेदन कीे आईडी नम्बर व मोबाइल नम्बर से लॉगिन करके अपने बालक-बालिका का वरीयता क्रमांक सभी आवेदित विद्यालयों में एक साथ देख सकते हैं। यह सुविधा मोबाइल एप पर भी उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि अभिभावकों द्वारा 30 अप्रेल तक आवेदन किये गये थे। मंगलवार को ऑनलाईन लॉटरी द्वारा प्रवेश हेतु बालकों का वरीयता क्रम निर्धारण के पश्चात प्रवेश के इच्छुक सभी अभिभावकाें को 8 मई तक संबंधित विद्यालय में उपस्थित होकर आवेदन पत्र जमा कराने हाेंगे। इसके बाद प्रवेश कार्य प्रारंभ हो जाएगा। इस अवसर पर प्रारंभिक शिक्षा विभाग के निदेशक पी.सी. किशन भी उपस्थित थे।
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