संस्था प्रधान साथी बनकर विद्यालयों का विकास करें - वासुदेव देवनानी


जयपुर: शिक्षा राज्यमंत्री प्रोफेसर वासुदेव देवनानी ने कहा कि राजकीय विद्यालयों के संस्था प्रधान साथी बनकर विद्यालयों का विकास करें। उन्होंने आह्वान किया कि जिले में स्थित राजकीय विद्यालयों में शिक्षा के स्तर को और सुधारने के हरसंभव प्रयास किए जाएंगे।

प्रोफेसर देवनानी शनिवार को जिले की 227 ग्राम पंचायतों में स्थित आदर्श, उत्कर्ष एवं अन्य विद्यालयों के संस्था प्रधानों की सूचना केन्द्र के टाउन हॉल में आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि देश में शिक्षा की कितनी आवश्यकता है और शिक्षकों के क्या-क्या कर्तव्य हैं, इसके लिए समय-समय पर शिक्षकों को प्रशिक्षण दिये जाते हैं।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे के नेतृत्व में प्रदेश शिक्षा के क्षेत्र में नित नई ऊंचाइयां छू रहा है। मुख्यमंत्री ने करौली में शिक्षा के विकास की जैसी परिकल्पना की, वह साकार होती दिखाई नहीं दे रही है। उन्होंने संस्था प्रधानों को उनके उत्तरदायित्वों का स्मरण करवाते हुए कहा कि आप अपने बच्चे के लिए जिस तरह का विद्यालय चाहते हैं, राजकीय विद्यालय को भी वैसा ही स्वरूप दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि विद्यालयों में शिक्षा का अच्छा वातावरण हो और शौचालय, पेयजल, साफ-सफाई, कम्प्यूटर लैब जैसी मूलभूत सुविधाएं भी होनी चाहिए। इसके लिए यह आवश्यक है कि विद्यालयों के छात्र-छात्राओं, उनके अभिभावकों, जनप्रतिनिधियों एवं गांव के भामाशाहों के साथ विद्यालय विकास की चर्चा की जाए। चर्चा के उपरांत विद्यालय में आवश्यक सुविधाओं का विकास किया जाए। ऎसा होने पर निश्चित ही विद्यालय का वातावरण बेहतरीन बनेगा।

उन्होंने कहा कि सभी संस्था प्रधान भावानात्मक रूप से गांव वालों के साथी बन विद्यालयों का विकास करें। इससे निश्चित ही विद्यार्थी प्राइवेट स्कूलों में न जाकर सरकारी स्कूलों में प्रवेश लेंगे। उन्होंने कहा कि यदि शिक्षक विद्यालय के प्रति अपनी सेवाएं पूरी तन्मयता के साथ देगा तो निश्चित ही अपने जीवन को सार्थक बनायेगा।

प्रो. देवनानी ने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता के क्षेत्र में राजस्थान में बढ़ोतरी की है। उन्होंने जिले के विद्यालयों में कम्प्यूटर लैब का समुचित उपयोग नहीं होने पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि एक माह में विद्यालयों की आवश्यकताओं को पूरा करने का प्रयास करेंगे। इसी सकल्प के साथ पहले खुद काम करें, ताकि दूसरों की अपेक्षाओं पर खरे उतरें। उन्होंने कहा कि एक माह के पश्चात् किये गये कार्यो की समीक्षा की जायेगी।

उन्होंने कहा कि नामांकन पूरा करने के लिए जो लक्ष्य दिये गये हैं, उन्हे शत प्रतिशत पूरा करे। उन्होंने कहा कि शिक्षक इस बात का मनन करें कि उन्हें जो वेतन मिल रहा है, उसके बदले वे समाज को क्या दे रहे हैं।

रमसा के निदेशक अशफाक हुसैन ने कहा कि राज्य सरकार की आदर्श विद्यालयों के लिए जो योजना तैयार की गई हैं, उन्हें समझें और सभी के साथ मिलकर आगे बढ़ें। उन्होंने कहा कि सब मिल जुलकर शिक्षा के क्षेत्र में प्रदेश में करौली की स्थिति में सुधार कर प्रथम आने का प्रयास करें, क्योकि आप लोग किसी से कम नही है। उन्होंने कहा कि टीम भावना के साथ बच्चों के भविष्य को सुन्दर बनाने के लिए विद्यालय का वातावरण अच्छा बनानें की कोशिश करें।

सर्व शिक्षा अभियान के आयुक्त जोगाराम ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में राजस्थानअग्रणीराज्यों में है, इसके बावजूद इसमें सुधार की गुंजाइश है। उन्होंने कहा कि इसके लिए समुदायों को जोडे़। उन्होंने कहा कि विद्यालय परिसर को साफ एवं सुथरा रखें। रंग-रोगन कराएं एवं फाइलों को सही तरीके से संधारित करें। साथ ही पेयजल एवं शौचालयों की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि जिले में 113 विद्यालयों को 15-15 हजार रूपये प्रति विद्यालय विद्युत कनेक्शन के लिए दिये गये हैं। लेकिन अभी भी कई विद्यालयों में विद्युत कनेक्शन नही हो पाया है। उन्होंने इस कार्य को पूरा करने के निर्देश दिए।

माध्यमिक शिक्षा निदेशक नथमल डिढेल ने कहा कि वे स्वयं सरकारी स्कूल में पढ़कर ही अपने पद तक पहुंचे हैं। उन्होंने बताया कि आज उन्होंने टोडाभीम क्षेत्र में स्कूलों का निरीक्षण किया है। इसमें एक संस्था प्रधान द्वारा 40 लाख से अधिक की राशि सहयोग से जुटाकर विद्यालय का विकास करने का सराहनीय प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि खुद आगे आयेंगे और आप बेहतर परिणाम देंगे, तो निश्चित ही गांव के लोग एवं भामाशाह विद्यालय विकास में सहयोग करेंगे।

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