भरतपुर के गांवों में जल की कमी की समस्या से निजात मिली





जयपुर: राज्य सरकार की महती योजना मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के तहत किये गये अभिनव प्रयोग के कारण भरतपुर के गांवों में जल की कमी की समस्या से निजात मिली है।                

गांव के अधिकांश लोगों का मुख्य कार्य कृषि एवं पशुपालन है जब तक मानसून की मेहरबानी होती है तो गांव के लोगों को किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होती। पर्याप्त बरसात नहीं होने पर लोगों को कर्ई तरह की परेशानियों का सामना करना पडता है। इस जल संग्रहण संरचना के निर्माण होने से क्षेत्र में पानी की कमी के कारण होने वाले अकाल की स्थिति से भी निजात मिलेगी तथा किसानों को अपने खेतों से भरपूर फसल मिलेगी जिससे उनके जीवन स्तर में भी बदलाव आयेगा।
                 

ग्रामवासियों ने बताया कि पहले इन पहाडियों से वर्षा का पानी बहकर व्यर्थ में नालों के माध्यम से नदियों में चला जाता था जिससे स्थानीय क्षेत्र में पेयजल एवं सिंचाई के लिए पानी का अभाव हो जाता था। स्थानीय ग्रामीणों को पेयजल के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता था। 

               

मुख्यमंत्री जल स्वालंबन अभियान के अन्तर्गत जिले की 10 पंचायत समितियों की 112 ग्राम पंचायतों के 317 ग्रामों में 3 हजार 400 कार्य स्वीकृत किये गये। जिन पर लगभग 58 करोड़ 96 लाख 84 हजार रूपये व्यय किये जायेगें।
                 

इस अभियान के प्रथम चरण में 53 ग्राम पंचायतों की 152 ग्रामों में 1 हजार 556 कार्याें पर 30 करोड़ 2 लाख 69 हजार रूपये की राशि व्यय कर कार्य पूर्ण कराये गये जिनमें जल ग्रहण विकास एवं भू संरक्षण विभाग द्वारा 316 पंचायती राज द्वारा 216, जल संसाधन विभाग द्वारा 11, वन विभाग द्वारा 69, जिला परिषद के महात्मागांधी नरेगा योजना के तहत 623, कृषि विभाग द्वारा 220 कार्य एवं उद्यान विभाग द्वारा 6 जल संग्रहण संरचनाओं के कार्य पूर्ण करा लिये गये हैं। चयनित ग्राम पंचायतों में जल समस्या का समाधान होगा। 


अभियान के तहत कराये गये जल संग्रहण कार्य संरचनाओं पर वृक्षारोपण के तहत 24 हजार 167 पोैधे रोपकर वन विभाग को हस्तांतरण किये गये। मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान के द्वितीय चरण के अन्तर्गत जल संरक्षण के हेतु कराये जाने वाले कार्य से पहाडी क्षेत्र के एनीकट में वर्षाकाल में पानी का ठहराव होगा जिससे स्थानीय क्षेत्र मेें कृषि को भरपूर पानी मिलेगा तथा पशुओं के लिए भी पेयजल उपलब्ध रहेगा। इस एनीकट के निर्माण से स्थानीय क्षेत्र का जल स्तर भी बढेगा जिसकी वजह से स्थानीय क्षेत्र के कुंऎ एवं ट्यूबबैलों में जल स्तर की वृद्धि होगी। इस बांध के निर्माण हो जाने के बाद स्थानीय कृषकों को सिंचाई हेतु जल एवं स्थानीय क्षेत्र के लोग को पीने हेतु जल सुलभ हो जायेगा।   
              

मुख्यमंत्री जल स्वालंबन अभियान के द्वितीय चरण के तहत 59 ग्राम पंचायतों के 165 ग्रामों का चयन किया गया है जिनमें 1 हजार 844 स्वीकृत कार्र्य कराये जायेंगे। जिन पर 28 करोड़ 94 लाख 53 हजार 700 रूपये व्यय किये जायेंगे। जिसके तहत जल ग्रहण विकास एवं भू संरक्षण विभाग द्वारा 193 पंचायती राज द्वारा 637, जल संसाधन विभाग द्वारा 22, वन विभाग द्वारा 279, जिला परिषद के महात्मागांधी नरेगा योजना के तहत 222, कृषि विभाग द्वारा 314 कार्य, उद्यान विभाग द्वारा 59 एवं जन स्वावस्थ्य अभियांत्रिकी विभाग द्वारा 118 स्वीकृत कार्य कराये जायेंगे। इन कायोर्ं के निर्माण में पूर्ण होने पर 55 हजार 584 15 हैक्टेयर भूमि की अतिरिक्त सिंचाई होगी।
 

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