नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट के न्यायधीश सीएस कर्णन को अदालत की अवमानना का दोषी मानते हुए 6 महीने की सजा सुनाई गई है। उच्चतम न्यायालय ने कर्णन को 6 महीने की सजा के अलावा सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश भी दिया है कि जस्टिस कर्णन द्वारा जारी किए कोई आदेश ना तो प्रकाशित होगा और ना ही प्रसारित होगा। उच्चतम न्यायालय ने इस आदेश को तत्काल प्रभाव से पालना के आदेश भी दिए है।
आपको बता दे कि पहले जस्टिस कर्णन ने सुप्रीम कोर्ट द्दारा दिए गए मानसिक जांच के आदेश को खारिज कर दिया था और अपनी जांच से इंकार कर दिया था। इस प्रकरण से जस्टिस सीएस कर्णन और सुप्रीम कोर्ट के बीच तल्खी काफी ज्यादा बढ़ गई है। याद रहे कि कल ही जस्टिस कर्णन ने अवमानना के आरोप में भारत के मुख्य न्यायाधीश जेएस खेहर समेत आठ जजों को पांच वर्ष की सश्रम कैद की सजा सुनाई थी।
कर्णन ने CJI को अत्याचार को बताया था दोषी
कर्णन की सुप्रीम कोर्ट के साथ तल्खी बढी और उन्होने सर्वोच्च न्यायालय के आठ जजों को अपराध का दोषी मानते हुए सजा सुना दी थी सजा में 1989 के अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार कानून और 2015 संशोधित अधिनियम के तहत संयुक्त रूप से दंडनीय अपराध माना गया था।
सात सदस्यीय पीठ के जजो में सीजेआई के अलावा जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन बी. लोकुर, जस्टिस जे. चेलेश्वरम,जस्टिस पिनाकी चंद्रा घोष और जस्टिस कुरियन जोसफ शामिल हैं। सुप्रिम कोर्ट की पीठ ने जस्टिस कर्णन के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेते हुए अवमानना की कार्रवाई की और उनके न्यायिक व प्रशासनिक कार्य करने पर रोक लगा दी ।
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