नक्सली हमले में शहीद बन्ना राम के अंतिम संस्कार में उमड़ा जन सैलाब

जयपुर: छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सली हमले में सीकर जिले के नीमकाथाना के ग्राम गोरधनपुरा के लाडले शहीद बन्ना राम का बुधवार को उनके पैतृक गांव में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार हुआ। जिसमें विभिन्न समाज के हजारों लोगों ने शहीद को नम आंखों से अंतिम विदाई दी, बेटे अजय ने अपने पिता को मुखाग्नि दी।

सैनिक कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष प्रेम सिंह बाजौर, श्रीमाधोपुर विधायक झाबर सिंह खर्रा, पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुभाष महरिया, पूर्व विधायक फूलचन्द गुर्जर, रमेश खण्डेलवाल, सांसद सुमेधानन्द सरस्वती के प्रतिनिधी बृजेन्द्र बिजाणियां, सीआरपीएफ के उपमहानिरीक्षक सुमेर सिंह शेखावत, कमांडेण्ट लीलाधर मेहरानियां, जिला कलेक्टर डॉ. के. बी. गुप्ता, पुलिस अधीक्षक विनीत कुमार, सैनिक कल्याण अधिकारी एस.एस. धोलिया, उपखण्ड अधिकारी जगदीश प्रसाद गौड़, तहसीलदार सरदार सिंह गिल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नीमकाथाना सहित प्रशासनिक अधिकारियों ने शहीद बन्ना राम को पुष्प चक्र अर्पित कर नमन किया। 

शहीद की अंत्येष्टी में वीरांगना सुमित्रा देवी के जज्बे को लोगों ने सम्मान दिया। उन्होंने कहा कि “पति को खोने का गम है तो गर्व भी है।” उन्होंने केन्द्र सरकार से कहा नक्सल वादियों के खिलाफ कठोर कार्यवाही करें ताकि ओर सुहागनों के सुहाग नहीं उजड़ें और ना ही कोई बेटा अनाथ हो। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की कृत घटना को अंजाम देने वाले नक्सलियों को किसी भी प्रकार से बक्शा नहीं जायें। शहीद के भाई संजय ने कहा कि राजस्थान की धरती में हमेशा ऎसे शूरवीर पैदा हुए है। विशेष तौर से शेखावाटी की धरती से अधिकांश जवान देश सेवा के लिए सेना में भर्ती हुए है, ये हमारे गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि नक्सल वादियों को भी समाज की मुख्य धारा से जोड़ा जायें। उन्होंने कहा कि 300 नक्सलियों ने घिनौनी हरकत की है जिसमें 25 जवान देश के लिए शहीद हुए है। उन्होंने केन्द्र सरकार से कहा कि उनके खिलाफ ठोस कदम उठायें जायें। 

शहीद बन्नाराम का पार्थिव देह देर रात नीमकाथाना पहुंचा, बुधवार सुबह पार्थिव देह को उनके पैतृक गांव गोरधनपुरा ले जाया गया। शहीद के शव को देखने पूरे गांव के लोग एवं आस-पास के गांव एवं ढ़ाणियों के हजारों की संख्या में महिला-पुरूष एवं बच्चों ने शहीद को अंतिम विदाई दी। सीआरपीएफ के वाहन ने शहीद के पार्थिव देह जैसे ही गोरधनपुरा पहुंचा तो लोगों ने जय-जयकार के नारें लगाने शुरू कर दिये और जब तक सुरज चांद रहेगा बन्नाराम तेरा नाम रहेगा, बन्नाराम अमर रहें एवं जय-जयकार के नारों से आकाश को गुंजायमान कर दिया। गांव के सभी लोगों की आंखे नम थी, उनके परिवार एवं रिश्तेदारों ने सामाजिक रीति-रिवाज के अनुसार कार्यक्रम किया। परिवार जनों एवं रिश्तेदारों ने शहीद बन्नाराम के अंतिम दर्शन किये। सैनिक कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष बाजोर ने बिलखते परिवार जनों को सांत्वना देकर ढ़ांढ़स बंधाया। 

सीआरपीएफ व पुलिस टुकड़ी ने शहीद की शव यात्रा को गांव के विभिन्न रास्तों से निकालकर अंतिम यात्रा की अगुवाई की तथा सीआरपीएफ व पुलिस टुकड़ी ने अंतिम संस्कार स्थल पर शहीद बन्नाराम को गॉड ऑफ ऑर्नर देकर तीन राउण्ड हवाई फायर कर सलामी दी तथा शहीद की विरांगना को सीआरपीएफ के अधिकारियों द्वारा तिरंगा झण्डा लेते हुए गर्व से कहा कि आज मेरे पति ने देश की सेवा के लिए प्राणों की बलि दी है, मैं उनकी शहादत को सलाम करती हूं तथा साथ ही कहा कि बेटे अजय को भी पढ़ा लिखा कर सेना में देश की सेवा के लिए भर्ती करवाउंगी। 

सैनिक कल्याण बोर्ड अध्यक्ष प्रेमसिंह बाजोर ने शहीद के पैकेज के बारे में बताया कि इनके परिवार को केन्द्र सरकार की ओर से 58 लाख रुपए, राज्य सरकार की तरफ से 20 लाख रुपए, 25 बीघा जमीन, 18 वर्ष तक बच्चों को निःशुल्क शिक्षा, परिवार जनों को रोड़वेज बसों में निःशुल्क यात्रा की घोषणा की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से शहीद कोटे की दी जाने वाली सहायता दिलाने के लिए प्रयास किये जाएंगे। 
सीआरपीएफ के उपमहानिरीक्षक सुमेर सिंह शेखावत एवं कमांडेण्ट लीलाधर मेहरानियां ने कहा कि नक्सल वादियों की घिनौनी हरकत से देश के 25 जवान शहीद हुए है जो कि देश के लिए बड़ी क्षति हुई है, उनके प्रति हम संवेदनशील है।





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