जयपुर: केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री जे.पी.नड्डा के मंगलवार को प्रातः जयपुर पहुंचने पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री कालीचरण सराफ ने भेंट कर प्रदेश में चिकित्सा के क्षेत्र में संचालित विकास कार्याें की प्रगति की जानकारी दी एवं विकास कार्याें की त्वरित पूर्ति के लिए आवश्यक केन्द्रीय सहयोग यथाशीघ्र प्रदान करने का आग्रह किया।
सराफ ने जयपुर एयरपोर्ट पर केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री का पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया। उन्हाेंने बताया कि प्रदेश में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण की दिशा में तेजी से प्रगति की जा रही है तथा निर्माणधीन सात मेडिकल कॉलेजों के भवन निर्माण का कार्य जल्दी ही पूरा हो जायेगा। इनके लिए 363 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत कर दी गयी है। उन्होंने बताया कि इन कॉलेजों में उपकरणों की व्यवस्था एवं फेकल्टी भर्ती इत्यादि व्यवस्थाओं की पूर्ति के लिए आवश्यक केन्द्रीय सहयोग प्रदान करने को लिखा गया है। उन्हाेंने बताया कि मेडिकल कॉलेजों में मेडिकल स्पेशलिस्ट एवं सलाहकारों का जिला चिकित्सालयों में कार्यरत चिकित्सकों में से चयन मेडिकल काउन्सिल ऑफ इण्डिया के नियमों के अनुसार करने हेतु प्रस्ताव केन्द्रीय सरकार एवं मेडिकल काउन्सिल आफ इण्डिया को भिजवाये गये हैं।
चिकित्सा मंत्री ने बताया कि अजमेर, कोटा व उदयपुर एवं झालावाड़ के मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की सीेटे 150 से बढ़ाकर 250 तथा झालावाड़ मेडिकल कॉलेज में 50 यूजी सीट बढ़ाने की स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है एवं इसके लिए आवश्यक वित्तीय मदद यथाशीघ्र जारी करने की मांग की गयी है। उन्होंने बताया कि बीकानेर व झालावाड़ में बनने वाले टर्सरी कैंसर केयर सेंटर 45 करोड़ एवं जयपुर के स्टेट केैंसर इन्स्टीट्यूट की स्थापना के लिए 120 करोड़ की राशि परियोजना में स्वीकृत है एवं झालावाड़ टर्सरी केंसर केयर सेंटर के लिए प्रथम किश्त जल्दी जारी करने का आग्रह केन्द्रीय मंत्री से किया है। उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार ने बीकानेर सेंटर के लिए 17.123 करोड़ रुपये एवं जयपुर के स्टेट केंसर इन्स्टीट्यूट के लिए 16.20 करोड़ की राशि जारी कर दी है जिस पर कार्य प्रगति पर है।
सराफ ने बताया कि जोधपुर, बीकानेर सहित अजमेर एवं कोटा मेडिकल कॉलेजों में प्रस्तावित मल्टीडिसीपिनअरी रिसर्च लैबोरेटरी की तरह ही अन्य मेडिकल कॉलेजों में यह प्रयोगशालाएं स्थापित करने के लिए केन्द्रीय सरकार से मांग की गयी है। इससे प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में अनुसन्धान को बढ़ावा मिलेगा।
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