जयपुर: ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने बुधवार को विधानसभा में कहा कि पंचायती राज विभाग द्वारा पात्र परिवारों को नियमानुसार भूमि आवंटन व पट्टा वितरण हेतु 14 अप्रेल से 12 जुलाई 2017 तक 90 दिन का विशेष अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पहली बार इस तरह का व्यापक आयोजन हो रहा है और इस दौरान 20 लाख पट्टे वितरित करने का लक्ष्य रखा गया है।
राठौड़ सदन में प्रश्नकाल के दौरान विधायकों की ओर से इस संबंध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि अंबेडकर जयंती पर शुरू हुए इस अभियान के तहत 9 हजार 894 ग्राम पंचायतों के लिए हर सोमवार व गुरुवार को हर पंचायत समिति में शिविर लगाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अभी तक 36 हजार 188 पट्टे जारी किए जा चुके हैं और 57 हजार 405 पट्टों पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
पंचायती राज मंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने वाहवाही लूटने के लिए 10 लाख आवासों की घोषणा की थी। इनमें से वर्ष 2011 में इंदिरा आवास योजना के तहत 3 लाख 20 हजार आवास बनाए जाने थे और मुख्यमंत्री बीपीएल आवास योजना के तहत 6 लाख 80 हजार आवासों का निर्माण होना था। इनकी लागत 50 हजार से 70 हजार रुपए थी और इसके लिए हुड़को से 3 हजार 655 करोड़ रुपए का ऋण लेकर इसका भार जिला परिषदों पर डाल दिया गया। उन्होंने कहा कि आज भी जिला परिषदों पर इसके पेटे 2 हजार 696 करोड़ का ऋण बाकी है।
राठौड़ ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने 8 लाख 45 हजार आवास अपूर्ण छोड़े और वर्तमान सरकार ने 8 लाख 48 हजार आवास बनाने का काम अपने हाथ में लिया। उन्होंने बताया कि 1 लाख 77 हजार आवासों का निर्माण हो चुका है और 4 लाख 31 हजार आवास बनाए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त वर्ष 2018 तक 6 लाख 75 हजार आवासों के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है।
पंचायती राज मंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में 17 लाख निर्धन परिवारों को आवास मिलेंगे, जो पिछली सरकार के कार्यकाल की तुलना में 11 लाख अधिक है। राठौड़ ने बताया कि करौली जिले में 30 हजार 216 आवासहीन परिवार हैं, तथा 176 को अभी तक पट्टा नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि विशेष अभियान के तहत अभी तक 21 पट्टों का वितरण किया जा चुका है।
राठौड़ ने बताया राजस्थान पंचायती राज नियम, 1996 के नियम 148 में प्रावधान कर पट्टे से पहले आक्षेप की अवधि को 1 महीने से घटा कर 7 दिन किया गया है। इसी तरह नियम 162 (2) के तहत पट्टे जारी करने की शक्तियां ग्राम पंचायत को दी गई हैं।
पंचायती राज मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंशा के अनुसार राज्य सरकार का लक्ष्य है कि वर्ष 2022 तक एक भी आवासहीन परिवार नहीं बचेगा। उन्होंने कहा कि 1 लाख 48 हजार की लागत से 4 लाख 31 हजार आवास बनाए जा रहे हैं। यदि 10 मकानों का समूह है, तो वहां खुर्रा और सड़क भी बनवाई जाएगी, जियो टैगिंग की जाएगी, पं. दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण विद्युत योजना के तहत विद्युत कनेक्शन दिए जाएंगे, उज्ज्वला योजना के अंतर्गत एलपीजी कनेक्शन दिए जाएंगे और नरेगा के अंतर्गत कैटल शैड के लिए 70 हजार रुपए भी स्वीकृत किए जाएंगे।
राठौड़ ने बताया कि इनका चयन सामाजिक, आर्थिक व जाति आधारित जनगणना-2011 के आंकड़ों के आधार पर किया गया है। उन्होंने कहा कि जो नाम सर्वे सूची में शामिल नहीं हुए, ऎसे लगभग 14 लाख आवेदन लम्बित है। उन्होंने कहा कि इसके लिए केन्द्र सरकार से दिशा-निर्देश मांगे गए हैं।
इससे पहले विधायक घनश्याम महर के मूल प्रश्न का जवाब देते हुए पंचायती राज मंत्री ने बताया कि सामाजिक, आर्थिक व जाति आधारित जनगणना-2011 के आंकड़ों के आधार पर प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के क्रम में ग्राम सभा से अनुमोदन उपरान्त तैयार सूची अनुसार राज्य में 17 लाख 1 हजार 645 आवासहीन या एक कच्चा कमरा या दो कच्चा कमरा वाले परिवार हैं। उन्होंने इनमें से चिन्हित किये गये भूमिहीन 55 हजार 405 परिवार की जिलेवार संख्या का विवरण सदन के पटल पर रखा।
राठौड़ ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के क्रियान्वन के फ्रेमवर्क के बिन्दु संख्या 7.3.1.2 ख में ‘‘भूमिहीन लाभार्थियों को भूमि के आवंटन में सहायता करना’’ का प्रावधान है। उन्होंने बताया कि राजस्थान पंचायती राज नियम, 1996 के नियम 158 के अन्तर्गत कमजोर वर्गों को भूखण्ड आवंटन का प्रावधान है, जिसके अन्तर्गत पंचायत सर्कल की आबादी भूमि में पात्र परिवारों को निःशुल्क पट्टे आवंटन करने के अधिकार ग्राम पंचायत में निहित है।
उन्होंने बताया कि इस क्रम में प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के भूमिहीन लाभार्थियों को भी नियमानुसार पट्टे दिये जाने के निर्देश प्रदान किये गये हैं। उन्होंने भूमि आवंटन के लिए प्राप्त आवेदनों की जिलेवार संख्या सूची सदन की मेज पर रखी।
पंचायती राज मंत्री ने बताया कि विभाग द्वारा पात्र परिवारों को नियमानुसार भूमि आवंटन व पट्टा वितरण हेतु 14 अप्रेल 2017 से 12 जुलाई 2017 तक विशेष अभियान चलाया जा रहा है। अब तक के अभियांन की प्रगतिन अनुसार राज्य में 36 हजार 188 नियमितिकरण, आवंटन, पट्टे जारी किये जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के पंजीकृत भूमिहीन लाभार्थियों को आवास भूमि आवंटन करने संबंधी जिला परिषदों में कोई प्रकरण लम्बित नही हैं, अपितु ग्राम पंचायतों में प्राप्त 4 हजार 235 प्रार्थनापत्रों के निस्तारण एवं अन्य पात्र परिवारों को प्राथिमकता से भूखण्ड उपलब्ध कराये जा रहे हैं।
राठौड़ ने बताया कि विभाग द्वारा चलाये जा रहे अभियांन की प्रगतिन अनुसार राज्य में वर्तमान में नियमितिकरण, आवंटन , पट्टे के प्राप्त 1 लाख 1 हजार 635 प्राप्त आवेदनों में से 8 हजार 44 निरस्ती उपरान्त 57 हजार 403 आवेदन पत्र प्रक्रियाधीन हैं।
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