कांग्रेस के पूर्व मंत्री ,बदनामी के बाद, खोई हुई ताकत, पाने को बेकरार !

कांग्रेस के पूर्व मंत्री ,बदनामी के बाद, खोई हुई ताकत, पाने को बेकरार !

इंडिया प्राइम टीवी डेस्क  कांग्रेस के पूर्व मंत्री बाबूलाल नागर अब कांग्रेस में अपनी खोई ताकत वापस पाने की जुगाड़ में है। इस साल जनवरी में बलात्कार मामले से बरी होने के बाद नागर लगातार अपने विधानसभा क्षेत्र दूदू में जनसम्पर्क कर रहे है। क्षेत्र में जनसम्पर्को के बाद अब बाबूलाल नागर कांग्रेस आलाकमान दिल्ली दरबार में धोक लगाने की तैयारी में हैं।

कांग्रेस को अपनी मां बताने वाले नागर को प्रदेश कांग्रेस के नेताओं से कोई उम्मीद नजर नही आ रही। दुष्कर्म मामले से बरी होने के बाद दूदू में भारी भीड़ का आयोजन कर नागर ने क्षेत्र में जनसमर्थन हासिल करने का सदेंश दे दिया है। लेकिन इसके बाद भी राज्य स्तर के वरिष्ठ नेता बाबूलाल नागर से नजरे बचा रहे है। हालत यह है कि कई बार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट से मिलने का समय भी मांगा गया लेकिन समय नही मिल पाया। इससे नागर दुखी है।

क्षेत्र में मिले जनसमर्थन से उत्साहित नागर को उम्मीद थी ,कि कांग्रेस में उन्हे अनुसूचित जाति बतौर अनुसूचित जाति के नेता के तौर पर सम्माजनक एन्ट्री मिलेगी। लेकिन कांग्रेस के वरिष्ठ दलित नेताओ ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया ।अब नागर कांग्रेस के पिछले दिनों हरावल दस्तों की नियुक्ति में वर्ग की उपेक्षा और बहुमत खो चुके उम्र दराज नेताओं के नेतृत्व पर ही सवाल उठा रहे है।
बाबूलाल नागर लगातार तीन बार विधानसभा चुनाव जीतते रहे है। दूदू विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी नागर के सेवादल के अध्यक्ष कार्यकाल के दौरान आई थी इसके अलावा आधार की लांचिग भी दूदू में ही हुई थी। बाबूलाल नागर का निशाना उम्र दराज हो चुके मास्टर मेघवाल, बीना काक जैसे नेताओ की तरफ है जिन्हे गहलोत खेमा पसंद नही करता है। नागर खुद भी गहलोत खेमे के गिने जाते है। ऐसे में नागर अब प्रदेश दौरे के साथ साथ केन्द्र में अपनी वापसी की गुहार लगाने की तैयारी में है।

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