होली पर इस बार क्या है खास जानिए सब कुछ !

                                                 होली पर इस बार क्या है खास जानिए सब कुछ !


धर्म डेस्क होली का इंतजार अक्सर मार्च की शुरुवात के साथ ही होने लगता है। इस बार होली कब आएगी, क्या है होलिका दहन का समय, सबसे ज्यादा इंतजार धुलंडी का किया जाता है। होली एक ऐसा त्योहार है जिसे पूरे भारत में हिन्दूओं द्दारा मनाया जाता है। हिन्दू कैलेंडर की माने तो दिवाली के बाद सबसे बड़ा त्योहार होली होता है।

होली को रंगों के त्योहार यानी फेस्टीवल ऑफ कलर्स के नाम से जाना जाता है। दो दिन मनाए जाने वाले त्योहार के पहले दिन होलिका दहन और अगले दिन धुलंडी के रुप में मनाया जाता है।
भारत में इस साल होलिका दहन 12 मार्च को किया जाएगा जबकि 13 मार्च को लोग रंगों के इस त्योहार का मजा ले सकेगें। होली का सबसे खास आकर्षण भगवान श्रीकृष्ण के जन्मस्थान और इसके आसपास रहता है। देशभर से लोग होली का एक अलग रंग देखने के लिए मथुरा, वृंदावन, ,नंदगांव,गोकुल व बनारस आते हैं।
बनारस की लट्ठमार होली पूरे देश ही नही विश्व में प्रसिद्ध है। यहा दिन सूरज ढलने के बाद होलिका दहन किया जाता है। इस दिन महिलाएं एक लोटा जल,फूल,चावल,धूपबत्ती, कच्चा सूत, गुड़, बताशे,साबुत हल्दी,गुलाल और नारियल से होलिका का पूजन करती हैं।
महिलाएं होलिका के चारों ओर कच्चे सूत को सात परिक्रमा कर सूत को लपेटती हैं। इसके बाद लोटे का शुद्ध पानी व अन्य पूजन सामग्री से एक-एक करके होलिका की पवित्र अग्नि में डाली जाती हैं।कुछ जगहों पर महिलाएं होलिया दहन के मौके पर लोकगीत भी गा​ती हैं।
रंगों के इस त्योहार पर एक दूसरे को रंग लगाकर त्योहार की शुभकामनाएं देते हैं। लोग होली खेलने के लिए सूखे और पानी वाले रंगों का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन ज्यादातर लोग सूखे रंगों से होली खेलना पसंद करते हैं जिन्हें गुलाल कहा जाता है।
बुरा ना मानो होली है बोलने वालो का मानना है कि पानी वाले रंगों के बिना होली का त्योहार अधूरा है। इसलिए लोग इन गीले रंगों में थोड़ा पानी मिलाकर दूसरों के चेहरे पर लगाते हैं। होली का मजा लोग पानी की बालटी में गीले और सूखे रंगों को मिलाकर दूसरे व्यक्ति पर डालते है।

Comments