रक्तदान से जुड़ी यह जानकारियां पता है आपको !

रक्तदान से जुड़ी यह जानकारियां पता है आपको !
 हेल्थ डेस्क रक्तदान को लेकर कई लोगो में जिज्ञासाए,आंशकाए व्याप्त है। अक्सर लोग इन्ही आंशकाओं, जिज्ञासाओ की जानकारी के बगैर रक्तदान नही कर पाते। लेकिन अगर सही जानकारी हो तो ना केवल रक्तदान के महत्व को समझा जा सकता है बल्कि रक्तदान से जुड़ी आंशकाओं को प्रति भी लोगों को जागरुक किया जा सकता है।
रक्तदान कौन कर सकता है
रक्तदान कोई भी जिसकी उम्र 17 साल हो और मेडिकल भाषा में स्वस्थ्य हो कर सकता है। एक बार रक्तदान के बाद चार माह का अंतराल जरुरी है, इसके अलावा अगर किसी गम्भीर बिमारी से पिडित रहा है तो रक्तदान से पूर्व चिकित्सक से सलाह मशवहरा कर लेना चाहिए।
क्या रक्तदान से खून की कमी हो सकती है।
मानव शरीर में खून लगभग 5 से 6 लीटर होता हैं, इसमें शरीर के भार का लगभग 9/13वाँ भाग होता है । उदाहरण क ेलिए अगर 50 किलों वजन के व्यस्क में 7लीटर से ज्यादा खून होता है जबकि एक नवजात शिशु में मात्र 250 खून यानी एक कप के बराबर रक्त होता है। एक वयस्क मे कम से कम 5 लीटर खून हो सकता है। एक बार में मानव शरीर से एक यूनिट रक्त यानी 450 मिलीलीटर निकाला जाता है। इसकी पूर्ती शरीर  24 घंटे में हो सकती है।

रक्तदान क्यों जरूरी है

इंडियन फार्माकोपिया और मेडिकल में मानव रक्त एक बेहतरीन दवा या औषधि मानी गई है। लेकिन इसका क्रत्रिम निर्माण नही हो सकता है। इसलिए रक्तदान ही एक मात्र का विकल्प होता है। मानव शरीर में रक्त में मौजूद कोशिकाए नई बनती नष्ट होती रहती है। ऐसे में रक्तदान करने से रक्त की पूर्ति पानी या अन्य पेय पदार्थ बढाकर किया जा सकता है।
कौन से मौसम में रक्त की कमी होती है
 ब्लड डोनेशन से जुडे चिकित्सकों के अनुसार अक्सर गर्मियों में रक्त बेहद कमी रहती है। गर्मी के कारण पसीने और अन्य अनाव्यश्यक पदार्थ शरीर से बाहर निकलते रहते है। ऐसे में रक्त के कण शरीर में आक्सीजन,पोषक तत्व पहुंचाने का कार्य करते है। जबकि सर्दियो में रक्त की धीमी रफ्तार शरीर को आलसी बनाने का कार्य करती है। लेकिन सर्दियो में रक्त कोशिकाओं का निर्माण ज्यादा खाने पीने से ज्यादा होता है।

रक्तदान से फायदे

चिकित्सकों के अनुसार ब्ल़ड डोनेट करने से खून के जमनेवाले अतिरिक्त आयरन शरीर से बाहर हो जाता है।ब्लड डोनेशन से खून पतला हो जाता है और शरीर में स्फूर्ति बनी रहती है। कई बिमारियों से बचाव और तंत्र को प्रभावशाली बनाने में मदद मिलती है। एक बार शरीर से खून निकले जाने के बाद उसमें से रक्त कणों को अलग अलग किया जाता है। मसलन प्लाजमा, सफेद रक्त कण लाल रक्तकण आदि। इससे जरुरतमंद को रक्त के जिस कण की जरुरत होती उसकी पूर्ति में मदद मिलती है।

स्वैच्छिक खून दान करने के दौरान केवल 450 मिलीलीटर रक्त निकाला जाता है, आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि 450 मिली खून तीन जिन्दगियों को बचा सकता हैहमारे शरीर में कुल वजन का 7% हिस्सा खून होता है50 किलो वज़न के आदमी के शरीर में साढ़े तीन लीटर खून  होगा और 100 किलो के आदमी में सात लीटर।
नवजात शिशु में सिर्फ 1 कप (250ml) खून होता है और एक जवान आदमी में लगभग 5 लीटर खून हो सकता हैयह दिल की बीमारियों की आशंका कम करने में सहायक है और शरीर में अतिरिक्त आयरन को जमने से रोकता है। रक्तदान के बाद हेपेटाइटिस बी व सी, एचआईवी, मलेरिया,सिफलेसिस आदि की जांच की जाती है।
इन बीमारियों के लक्षण पाए जाने पर रक्त को अन्य मरीज पर चढाया नही जाता है। अगर पिछले 12 महीने के दौरान हेपेटाइटिस या पीलिया जैसी ग्रस्त हुए हैं तो आप रक्तदान नहीं कर सकते। इसके अलावा आपने टैटू या कोई कॉस्मेटिक सर्जरी करवाने वालो को भी रक्तदान करने के लिए कम से कम चार महीने का इंतजार करना होगा।
रक्तदान के बाद क्या करना चाहिए क्या नही

दान के बाद एक बार फिर से एक अच्छा नाश्ता करना चाहिए। रक्त दान के बाद रक्त दान से पहले धूम्रपान करने से बचे , अगर नियमित धूम्रपान करते हैं तो रक्तदान के बाद  तीन घंटे बाद धूम्रपान कर सकते हैं। रक्तदान के बाद ज्यादा पानी पीना चाहिे और शराब व नशे से दूर रहना चाहिए साथ ही लॉन्ग ड्राइव और तेज धूप में जाने से बचना चाहिए।

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