टैंशन जीवन में आपको क्या नुकसान पहुंचा सकती है,जाने हकीकत !

टैंशन जीवन में आपको क्या नुकसान पहुंचा सकती है,जाने हकीकत !

अक्सर  स्ट्रेस खतरना नहीं होता है क्योंकि  लोगों के कार्यों या उद्देश्यों को पूरा करने के लिए प्रोत्साहित हमेशा चिंता ही करती है।  इसलिए यह जरुरी है कि स्ट्रेस या स्ट्रेसफुल इवेंट का सामना कैसे किया जाये। इससे  शरीर पर पड़ने वाले स्ट्रेस के प्रभाव को कम या रोका जा सकता जा सकता है।

स्ट्रेस  बॉडी सिस्टम पर डालता है प्रभाव
नर्वस सिस्टम जब  बॉडी स्ट्रेस में  सिम्पथेटिक नर्वस सिस्टम ‘फाइट या फ्लाइट’ प्रतिक्रिया देता है ,तो   सिंग्नेलिंग एड्रेनल ग्रंथि एड्रेनालाईन और कोर्टिसोल हार्मोन्स रिलीज करता है। इससे  हार्मोन्स तेज हार्ट बीट  कम करता है, श्वसन दर  कम होती है , पैर और बांह की ब्लड वाहिकाएं  फैलाती है। ब्लड स्ट्रीम में ग्लूकोज लेवल और डायजेस्टिव तंत्र में परिवर्तन में बदलाव आता है ।
कार्डिओवस्क्यूलर सिस्ट 
क्रोनिक स्ट्रेस का नुकसान यह हो सकता है कि  हार्ट और ब्लड वाहिकाएं के लिए लंबी अवधि की परेशानियां  बढ़ सकती है।  इससे हार्ट बीट और बढ़ सकती है।  इसके अलावा ब्लड प्रेशर और स्ट्रेस हार्मोन्स लेवल ऊपर जा सकता है।इससे हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक या स्टोक्स बढ़ सकता है। भारी तनाव से कोरोनरी धमनियों में सूजन होने का खतरा हार्ट अटैक को ब़ढा सकता है
रेस्परटरी सिस्टम  स्ट्रेस स्थामा और फेफड़े के रोगियों के लिए यह घातक है क्योंकि इससे सांस लेने  तकलीफ और बढ़ सकती है। स्ट्रेस सांस लेने की गति तेज हाइपर्वेन्टलेशन हो सकती है। इससे कुछ लोगों में तुरंत परेशानी बढा  सकती है
गैस्ट्रोइन्टेस्टनल सिस्ट स्ट्रेस आपके भोजन-नली, पेट, आंत, गैस्ट्रोइन्टेस्टनल परेशानी,  एसिड रिफ्लक्स, वोमटिंग, डायरिया व कब्ज को बढ़ा सकता है।
रिप्रडक्टिव सिस्टम  स्ट्रेस महिला और पुरुष दोनों की फर्टिलिटी को कम कर सकती है।  पुरुषों में कोर्टिसोल का लेवल बढ़ता है इससे  पुरुष के नॉर्मल रिप्रडक्टिव सिस्टम पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है । क्रोनिक स्ट्रेस के चलते टेस्टास्टरोन प्रोडक्शन और इसके अलावा  स्पर्म निर्माण और जनन अंग रूप से कार्य नहीं करता है। महिलाओं में स्ट्रेस मासिक धर्म चक्र को अनियंत्रित और दुखदायी  बना सकता है। कुछ महिलाओं में यौन इच्छा कमी आ सकती है

Comments